एन. चंद्रशेखरन, जिन्हें हम एन. चंद्रा भी कहते हैं, एक भारतीय बिजनेसमैन हैं। वे टाटा संस के चेयरमैन हैं, जो टाटा ग्रुप की सबसे बड़ी कंपनी है। टाटा ग्रुप भारत का सबसे पुराना और सबसे बड़ा व्यापारिक समूह है, जो कई तरह के व्यवसाय करता है जैसे कि स्टील, मोटर कार, सॉफ्टवेयर, और बहुत कुछ।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
एन. चंद्रशेखरन का जन्म 2 जून 1963 को तमिलनाडु के एक छोटे से गांव में हुआ था। उनका परिवार एक साधारण परिवार था। उनके माता-पिता बहुत मेहनती थे और उन्होंने एन. चंद्रा को अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए बहुत मेहनत की। चंद्रा बचपन से ही पढ़ाई में बहुत अच्छे थे। उन्हें गणित और विज्ञान जैसे विषय बहुत पसंद थे।
उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने गांव के स्कूल से पूरी की। उसके बाद, उन्होंने कोयंबटूर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने तमिलनाडु के क्षेत्रीय इंजीनियरिंग कॉलेज से मास्टर ऑफ कंप्यूटर एप्लिकेशन (MCA) की डिग्री ली। यह डिग्री उन्हें तकनीकी क्षेत्र में काम करने के लिए बहुत मददगार साबित हुई।
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) में करियर
एन. चंद्रशेखरन की असली सफलता की शुरुआत तब हुई जब उन्होंने टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) में 1987 में काम शुरू किया। TCS एक बहुत बड़ी आईटी कंपनी है, जो सॉफ्टवेयर और टेक्नोलॉजी सेवाएं देती है। चंद्रा ने अपनी मेहनत और समझदारी से कंपनी में बहुत तरक्की की। उन्होंने धीरे-धीरे TCS में बड़ी जिम्मेदारियां संभालनी शुरू कीं।
2013 में, उन्हें TCS का सीईओ (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) बनाया गया। सीईओ बनने के बाद, चंद्रा ने TCS को और भी ऊंचाइयों तक पहुंचाया। उनके नेतृत्व में TCS ने बहुत सारे बड़े प्रोजेक्ट्स लिए और कंपनी की कमाई में भी बहुत बढ़ोतरी हुई। चंद्रा का मैनेजमेंट और नेतृत्व बहुत सराहा गया और उन्हें बिजनेस की दुनिया में एक सफल लीडर के रूप में माना गया।
टाटा संस के चेयरमैन
2017 में, एन. चंद्रशेखरन को टाटा ग्रुप के चेयरमैन के रूप में नियुक्त किया गया। यह टाटा ग्रुप के इतिहास में एक बहुत बड़ा और महत्वपूर्ण पद है, क्योंकि टाटा ग्रुप कई अलग-अलग तरह के व्यवसायों में काम करता है। चंद्रा के नेतृत्व में टाटा ग्रुप ने कई नई योजनाएं शुरू कीं और समूह के व्यवसायों को और मजबूत किया।
चंद्रा ने टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, टाटा पावर, और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज जैसी कंपनियों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का काम किया। उनकी सोच और मेहनत ने टाटा ग्रुप को न केवल भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में मशहूर बनाया।
उनकी सादगी और जीवनशैली
एन. चंद्रशेखरन अपने सरल और सादगी भरे जीवन के लिए जाने जाते हैं। वे अपने काम के प्रति बहुत समर्पित हैं और हमेशा नई चीजें सीखने के लिए उत्सुक रहते हैं। चंद्रा को दौड़ने का बहुत शौक है और उन्होंने कई मैराथन में हिस्सा भी लिया है। उनका मानना है कि फिटनेस बहुत जरूरी है और यह हमें जीवन में ऊर्जावान बनाता है।
चंद्रा बहुत ही शांत स्वभाव के व्यक्ति हैं और कभी भी किसी काम को जल्दीबाजी में नहीं करते। वे हर काम को सोच-समझकर और पूरी योजना के साथ करते हैं। यही वजह है कि वे अपने हर काम में सफल होते हैं।
परिवार
एन. चंद्रशेखरन का परिवार बहुत छोटा और प्यारा है। उनकी पत्नी का नाम लालिता है, और उनका एक बेटा भी है। वे अपने परिवार के साथ खुशी से रहते हैं और उन्हें अपने परिवार के साथ समय बिताना बहुत पसंद है। चंद्रा अपने काम के साथ-साथ अपने परिवार को भी बहुत महत्व देते हैं।
सम्मान और पुरस्कार
एन. चंद्रशेखरन को उनके शानदार काम के लिए कई पुरस्कार और सम्मान मिले हैं। उन्हें बिजनेस की दुनिया में एक बहुत ही सम्मानित व्यक्ति माना जाता है। उनके नेतृत्व के लिए उन्हें कई बार ‘बेस्ट सीईओ’ के पुरस्कार से नवाजा गया है। इसके अलावा, उन्हें भारत सरकार द्वारा ‘पद्म भूषण’ से भी सम्मानित किया गया है, जो भारत का तीसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है।
निष्कर्ष
एन. चंद्रशेखरन ने यह साबित कर दिया है कि अगर आप मेहनत, लगन और ईमानदारी से काम करते हैं, तो आपको सफलता जरूर मिलेगी। उन्होंने एक छोटे से गांव से निकलकर टाटा ग्रुप जैसे विशाल समूह का नेतृत्व किया और यह साबित किया कि कोई भी व्यक्ति, चाहे वह कहीं से भी हो, अगर सही दिशा में मेहनत करे तो वह दुनिया में कुछ भी हासिल कर सकता है।
उनकी कहानी से हमें यह सीखने को मिलता है कि हमें अपने सपनों का पीछा करना चाहिए और कभी हार नहीं माननी चाहिए। एन. चंद्रशेखरन आज के युवाओं के लिए एक प्रेरणा हैं, और उनकी सफलता की कहानी हमें यह सिखाती है कि जीवन में कुछ भी संभव है अगर हम पूरी मेहनत और समर्पण के साथ अपने लक्ष्य की ओर बढ़ें।