कंगना रनौत भारत की एक मशहूर फिल्म अभिनेत्री हैं। उनका जन्म 23 मार्च 1987 को हिमाचल प्रदेश के एक छोटे से गाँव भांबला में हुआ था। कंगना का पूरा नाम कंगना अमरदीप रनौत है। उनका परिवार एक साधारण परिवार था। उनके पिता का नाम अमरदीप रनौत है और वे एक बिजनेसमैन हैं। उनकी माँ आशा रनौत एक स्कूल टीचर हैं। कंगना की एक बड़ी बहन, रंगोली, और एक छोटा भाई, अक्षत है।
बचपन और पढ़ाई
कंगना का बचपन हिमाचल प्रदेश के प्राकृतिक सुंदरता से घिरे इलाके में बीता। उन्हें बचपन से ही एक्टिंग का शौक था, लेकिन उनके माता-पिता चाहते थे कि वे पढ़ाई करें और डॉक्टर बनें। कंगना ने चंडीगढ़ के डीएवी स्कूल से अपनी शुरुआती पढ़ाई की। उन्होंने साइंस स्ट्रीम ली थी, लेकिन उनका मन पढ़ाई में नहीं लगता था। उनका मन हमेशा अभिनय की तरफ ही खींचता था।
फिल्मों में करियर की शुरुआत
जब कंगना 16 साल की थीं, तब उन्होंने ठान लिया कि वे एक अभिनेत्री बनेंगी। इसके लिए वे दिल्ली आ गईं और मॉडलिंग करने लगीं। थोड़े समय बाद कंगना मुंबई चली गईं, जहाँ उन्होंने फिल्मों में काम करने की कोशिश शुरू की। कंगना ने थिएटर में भी काम किया और एक्टिंग की ट्रेनिंग ली।
पहली फिल्म
कंगना को 2006 में अपनी पहली फिल्म “गैंगस्टर” मिली। इस फिल्म में उनके अभिनय को बहुत सराहा गया, और उन्होंने बेस्ट फीमेल डेब्यू का फिल्मफेयर अवॉर्ड भी जीता। इसके बाद कंगना ने “वो लम्हें,” “लाइफ इन ए मेट्रो,” और “फैशन” जैसी फिल्मों में काम किया। “फैशन” में उनके अभिनय के लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला। यह कंगना के करियर का बड़ा मोड़ था।
कंगना की खास फिल्में
कंगना ने अपने करियर में कई बेहतरीन फिल्में की हैं। “क्वीन” नाम की फिल्म ने उन्हें एक अलग पहचान दी। इस फिल्म में उन्होंने एक साधारण लड़की का किरदार निभाया, जो अकेले ही विदेश यात्रा पर जाती है और खुद को पहचानती है। इस फिल्म के लिए कंगना को बहुत तारीफें मिलीं और उन्हें कई पुरस्कार भी मिले।
इसके बाद कंगना ने “तनु वेड्स मनु” और “तनु वेड्स मनु रिटर्न्स” जैसी हिट फिल्मों में भी काम किया। इन फिल्मों में उनके मजेदार और चुलबुले किरदार ने लोगों का दिल जीत लिया। कंगना की “मणिकर्णिका: द क्वीन ऑफ झांसी” भी बहुत मशहूर हुई, जिसमें उन्होंने झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का दमदार किरदार निभाया।
कंगना की पहचान
कंगना को उनकी बेबाकी के लिए भी जाना जाता है। वे हमेशा अपने विचारों को बिना किसी डर के सबके सामने रखती हैं। कंगना ने बॉलीवुड में नेपोटिज्म (परिवारवाद) के खिलाफ खुलकर बोला और अपनी जगह खुद बनाई। वे कभी भी अपने हक के लिए आवाज उठाने से पीछे नहीं हटतीं।
राष्ट्रीय पुरस्कार और सम्मान
कंगना रनौत ने अपने अभिनय के लिए कई राष्ट्रीय और फिल्मफेयर पुरस्कार जीते हैं। उन्हें तीन बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। ये पुरस्कार उनके बेहतरीन अभिनय और मेहनत को पहचान दिलाते हैं। इसके अलावा, कंगना को पद्म श्री से भी नवाजा गया है, जो भारत के चौथे सबसे बड़े नागरिक सम्मान में से एक है।
निजी जीवन
कंगना का जीवन हमेशा मीडिया में चर्चा का विषय रहा है। उन्होंने अपने जीवन के कई उतार-चढ़ावों का सामना किया है, लेकिन वे कभी हारी नहीं। उनकी सफलता का सफर बहुत संघर्षों से भरा रहा है, लेकिन उन्होंने हर मुश्किल का डटकर सामना किया। कंगना का मानना है कि अगर आप सच्चे दिल से मेहनत करें तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
कंगना की सोच
कंगना रनौत का मानना है कि महिलाओं को अपनी जिंदगी अपने तरीके से जीनी चाहिए। वे महिलाओं की आजादी और सशक्तिकरण की बड़ी समर्थक हैं। कंगना ने कई इंटरव्यू में कहा है कि वे अपने फैसले खुद लेती हैं और किसी से डरती नहीं हैं। उनका मानना है कि हर इंसान को अपने सपनों का पीछा करना चाहिए, चाहे रास्ता कितना भी कठिन क्यों न हो।
निष्कर्ष
कंगना रनौत ने अपने अभिनय और बेबाक अंदाज से बॉलीवुड में एक अलग पहचान बनाई है। वे एक ऐसी अभिनेत्री हैं जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत, समर्पण और संघर्ष से सफलता पाई है। उनकी कहानी हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है, जो अपने सपनों को साकार करना चाहता है।